चमका जो सूरज, डरे थे ये बादल। घाटी से अब तो, छंटेंगे ये बादल। चमका जो सूरज, डरे थे ये बादल। घाटी से अब तो, छंटेंगे ये बादल।
ये पर्व हैं प्यार और उन्नति का बोली जुआ में ना बरबाद करो। ये पर्व हैं प्यार और उन्नति का बोली जुआ में ना बरबाद करो।
मेरे बच्चों कैसे सहलाऊँ तुम्हारी पीठ जब मैं ही हूँ दो पाटों के बीच और तुम नतमस्तक मेरे बच्चों कैसे सहलाऊँ तुम्हारी पीठ जब मैं ही हूँ दो पाटों के बीच ...
नहीं खोफ अब विश्व विधाता ईश्वर का भी कोई। नहीं खोफ अब विश्व विधाता ईश्वर का भी कोई।
बन जाई तोहरो देवरवा इ फौजी बोला ए भौजी 2 बन जाई तोहरो देवरवा इ फौजी बोला ए भौजी 2
वाद विवाद का संवाद कर के एक दूसरे पर छींटाकशी करते। वाद विवाद का संवाद कर के एक दूसरे पर छींटाकशी करते।