कर्तव्य कहीं लुफ्त हो चुका है , अब शापित है समाज धीरज अंधकार में छुप गया है, विकृत सो कर्तव्य कहीं लुफ्त हो चुका है , अब शापित है समाज धीरज अंधकार में छुप गया है,...
आज वह अबला नहीं सक्षम सजग सबला है आज वह अबला नहीं सक्षम सजग सबला है
बीती बातें सोचोगे तो भिंगेंगे गाल तुम्हारे भी, ना यादें बदली हैं ना अश्क बदलेगा ' तो बीती बातें सोचोगे तो भिंगेंगे गाल तुम्हारे भी, ना यादें बदली हैं ना अश्क बदल...
ज्ञान शक्ति से परिपूर्ण होकर , अन्याय न सहकर सबक जब सिखाएगी! ज्ञान शक्ति से परिपूर्ण होकर , अन्याय न सहकर सबक जब सिखाएगी!
वो दिन भी जरूर आयेंगे जब हर चेहरे मुस्कराएंगे। वो दिन भी जरूर आयेंगे जब हर चेहरे मुस्कराएंगे।
'अयोध्या' की 'एक बूंद' छोड़ गेह निज सीप मुख में पहुंचकर बन जाती है मोती। 'अयोध्या' की 'एक बूंद' छोड़ गेह निज सीप मुख में पहुंचकर बन जाती है मोती।