पंथ में तुम किसी के न कंटक बिछाओ, चले उस पंथ तुम जो, तुम्हें वह चुभेगा पंथ में तुम किसी के न कंटक बिछाओ, चले उस पंथ तुम जो, तुम्हें वह चुभेगा
रोती हुई सी रात भी हँसते हुए कुछ स्वप्न से जाना ना चाह मैं कभी रुकना ना चाहे तुम कभी रोती हुई सी रात भी हँसते हुए कुछ स्वप्न से जाना ना चाह मैं कभी रुकना ...
निशा अँधेरी डरवाती है । याद तुम्हारी तड़पाती है ।। कभी ख्वाबों में आ जाओ । आँचल में मुझे छिपा जाओ ... निशा अँधेरी डरवाती है । याद तुम्हारी तड़पाती है ।। कभी ख्वाबों में आ जाओ । आँच...
सत्य सनातन सदा रहा है, सदा रहेगा भारत भारत। सत्य सनातन सदा रहा है, सदा रहेगा भारत भारत।
मैं राह तकूंगी तुम आना मैं डगर बुहारूंगी तुम आना। मैं राह तकूंगी तुम आना मैं डगर बुहारूंगी तुम आना।
एक फूल का मिट जाना हीं, उपवन का अवसान नहीं। एक फूल का मिट जाना हीं, उपवन का अवसान नहीं।