है आत्मा वह कौन सी है जो बोलती तो है, आत्मा जैसा ? है आत्मा वह कौन सी है जो बोलती तो है, आत्मा जैसा ?
शिक्षा संस्कृति धर्म रीति नीति मित्र शत्रु जीवन काल मर्म मानव शिक्षा संस्कृति धर्म रीति नीति मित्र शत्रु जीवन काल मर्म मानव
" नवाचार हो, निर्विकार हो करतल ध्वनि से उद्बोधन नव्य ऋतु का अभिनंदन नव्य ऋतु का अभिनंदन " " नवाचार हो, निर्विकार हो करतल ध्वनि से उद्बोधन नव्य ऋतु का अभिनंदन नव्य ऋतु ...
संचय की प्रवृत्ति के साथ, मैं प्रचुर कैसे हूँ, विचार निःशब्द हैं। संचय की प्रवृत्ति के साथ, मैं प्रचुर कैसे हूँ, विचार निःशब्द हैं।
चहकने दो चहचहाने दो जीवन का आनंद उठाने दो चहकने दो चहचहाने दो जीवन का आनंद उठाने दो
मै शब्दों का सागर हूं, पर निःशब्द हूं, निर्विकार हूं । मै शब्दों का सागर हूं, पर निःशब्द हूं, निर्विकार हूं ।