मेरे अल्फाजों को समझना है तो खुद से परे जाना होगा। मेरे अल्फाजों को समझना है तो खुद से परे जाना होगा।
और मैं चुपचाप चुप हो गई हमेशा के लिए...। और मैं चुपचाप चुप हो गई हमेशा के लिए...।
पर इंसान को ख्वाहिशें मार देती हैं, छोटी बड़ी पर इंसान को ख्वाहिशें मार देती हैं, छोटी बड़ी
मैं रात हूँ तुम्हारे नींदो का साज चाहता चाँद सा खूबसूरत तो मैं नहीं मगर तुम्हें अ मैं रात हूँ तुम्हारे नींदो का साज चाहता चाँद सा खूबसूरत तो मैं नहीं ...
रह रह कर आईने में बूंदों की जगह झलक जाता है माँ रह रह कर आईने में बूंदों की जगह झलक जाता है माँ