वो चूड़ियाँ कह जाती है खमोशी की जुबान बन जाती है वो चूड़ियाँ कह जाती है खमोशी की जुबान बन जाती है
आदरणीय मंत्री समय है अब भी सम्भल जाओ तुम! आदरणीय मंत्री समय है अब भी सम्भल जाओ तुम!
हाथों में लाल-लाल चूड़ियों भरी रही वो खनकाती चूड़ियों से पागल ही कर गये। हाथों में लाल-लाल चूड़ियों भरी रही वो खनकाती चूड़ियों से पागल ही कर गये।
चलने से पहले ही हमारे पैर तोड़ दिए जाते हैं चलने से पहले ही हमारे पैर तोड़ दिए जाते हैं