वो पहना जाएगी चूड़ियां ( 7 )
वो पहना जाएगी चूड़ियां ( 7 )
वो पहना जाएगी चूड़ियां
कंगना तो नहीं पहनती हैं चूड़ियां ,
पर .........,
वो पहना जायेगी कईयों को चूड़ियां,
शर्म कर सरकारें ऐ मुम्बई,
खुद बैसाखी पे खड़ी हैं तेरी सरकार,
और तू सत्ता के घमंड में चकनाचूर,
लड़ाई कर बैठा हैं तू एक नारी से,
क्यों भूल बैठा हैँ तू ......,
नादानी कर बैठा हैं तू....,
पता नहीं तुझे कि,
महाभारत और रामायण भी हुई हैं,
वो भी एक अबला समझने वाले नारी से,
वो झांसी की रानी है पगले,
जो ना डरी थी वो गोरो से,
क्या वो डर जाएगी हरामखोरो से ?
आदरणीय मंत्री समय है
अब भी सम्भल जाओ तुम,
नहीं तो सत्ता और शासन की लालच में,
एक दिन मिटा दोगे अपने ही कूल को,
कौरों और रावण के कूल की तरह,
अभी भी समय है सम्भल जाओ,
वरना ..........,
बहुत कुछ खो जाओगे,
ओरों की तरह !!!!!
