STORYMIRROR

जीवन मन मानवता पढ़ता चला पढ़ता चला गया बढ़ता चला गया माँ मान फोन के मस्त राह मैं अपनी चला बेटी ढूँढने चला है कर रंग लगा चला गया

Hindi चला Poems