मन में मानवता भरने समय से लड़ता चला गया जीवन सुधरे कुछ मैं पढ़ता चला गया। मन में मानवता भरने समय से लड़ता चला गया जीवन सुधरे कुछ मैं पढ़ता चला गया।
माँ सम महा न कोय, नहीं माता सी ममता। माँ सम महा न कोय, नहीं माता सी ममता।
रिश्ते नाते प्यार को,ले डूबा ये फोन। सारे इसमें व्यस्त हैं,किसका है अब कौन। रिश्ते नाते प्यार को,ले डूबा ये फोन। सारे इसमें व्यस्त हैं,किसका है अब कौन।
कश्मकश का है सफ़र ये ज़िन्दगी, रण में जो धीर हो, तो होगी बुलंदगी। डराए मुझको जमाना, कश्मकश का है सफ़र ये ज़िन्दगी, रण में जो धीर हो, तो होगी बुलंदगी। ...
क्या पुण्य कमायेगा वो जो अपनी ही नन्हीं-सी जान को गर्भ में मार "कन्या-पूजन"करने चला ह क्या पुण्य कमायेगा वो जो अपनी ही नन्हीं-सी जान को गर्भ में मार "कन्या-पूजन"क...
रंग लगाकर चला गया सांवरिया दिल चुरा ले गया रंग लगाकर चला गया सांवरिया दिल चुरा ले गया