याद है आती आज भी वो बीते कल की सब बातें, याद है आती आज भी वो बीते कल की सब बातें,
गैरों के दिए हर बात पर ताने सहते रहते, सहते रहते हैं । गैरों के दिए हर बात पर ताने सहते रहते, सहते रहते हैं ।
मत देखो गैरों की कमियाँ, अपने अन्तर्मन को खोलो। मत देखो गैरों की कमियाँ, अपने अन्तर्मन को खोलो।
उस दिलरुबा महज़बीं के सुर्ख़ होठों के तबस्सुम फिर जिया लाये उस दिलरुबा महज़बीं के सुर्ख़ होठों के तबस्सुम फिर जिया लाये