कस कर भींच अपने होंठ पी कर सारी बारिश भीतर ही भीतर उड़ गयी, दूर बहुत दूर कस कर भींच अपने होंठ पी कर सारी बारिश भीतर ही भीतर उड़ गयी, दूर बहुत दूर
झूलों के संग मन आनंदित हो जाये, मिलजुल सब कजरी गा ले। झूलों के संग मन आनंदित हो जाये, मिलजुल सब कजरी गा ले।
चले ठंडी बयरिया ये सजनी , कांपेला बंदनवा मोर। जल्दी से भर चले ठंडी बयरिया ये सजनी , कांपेला बंदनवा मोर। ...
कि एहो रामा चह चह चहके चिरईयां कि मनवा बहके लागल ना। कि एहो रामा चह चह चहके चिरईयां कि मनवा बहके लागल ना।
आज गांव के घर के आंगन की कोई सुध-बुध नहीं है लेता! आज गांव के घर के आंगन की कोई सुध-बुध नहीं है लेता!
हरी-हरी दूब लगे प्यारी-प्यारी, घर-घर में रोपी हैं सबने क्यारी, हम सब के भाग्य जगे। हरी-हरी दूब लगे प्यारी-प्यारी, घर-घर में रोपी हैं सबने क्यारी, हम सब के भा...