उदारता से उपभोग करने लगे अपनी समृद्ध राज्यलक्ष्मी का वो। उदारता से उपभोग करने लगे अपनी समृद्ध राज्यलक्ष्मी का वो।
अपनी जिंदगी की कहानी वह खुद ही लिखना चाहती है ! अपनी जिंदगी की कहानी वह खुद ही लिखना चाहती है !
इससे उनके अंगों से जो सुगंध निकलती है जब उसे इससे उनके अंगों से जो सुगंध निकलती है जब उसे
पूछ रहा... स्त्री क्या कोई वस्तु है? उपभोग किया फिर जला दिया निर्भया पुनः दोहरा कर तुमने जड़ चेत... पूछ रहा... स्त्री क्या कोई वस्तु है? उपभोग किया फिर जला दिया निर्भया पुनः दोह...
इसलिये व्यर्थ शब्दों वाला व्यापार नहीं दे पाऊँगा। इसलिये व्यर्थ शब्दों वाला व्यापार नहीं दे पाऊँगा।
ना समझो उपभोग की वस्तु मैं स्वयं सृष्टि रचियेता हूँ। ना समझो उपभोग की वस्तु मैं स्वयं सृष्टि रचियेता हूँ।