मेरी ओर देखती निग़ाहों में इज्ज़त की रवानगी वही। मेरी ओर देखती निग़ाहों में इज्ज़त की रवानगी वही।
आज फिर इक मासूमियत तड़प गयी, आज फिर वो हैवानियत हो गयी...! आज फिर इक मासूमियत तड़प गयी, आज फिर वो हैवानियत हो गयी...!
तो पैदाइश पे भी पहरे लगा दिए, कि तुम्हारी इज्ज़त पे कोई धब्बा न लगे। तो पैदाइश पे भी पहरे लगा दिए, कि तुम्हारी इज्ज़त पे कोई धब्बा न लगे।
मेरे मन की भावनाओं को, मैं, संजोता रहा, इस घूँघट के दायरे को, मैं, समझता रहा! मेरे मन की भावनाओं को, मैं, संजोता रहा, इस घूँघट के दायरे को, मैं, समझता ...
मेरे रूह की आयत भी हो तुम। या यूं कहूं तो मेरे जज़्बात हो तुम।। मेरे रूह की आयत भी हो तुम। या यूं कहूं तो मेरे जज़्बात हो तुम।।
मेरे रूह की आयत भी हो तुम। या यूं कहूं तो मेरे जज़्बात हो तुम मेरे रूह की आयत भी हो तुम। या यूं कहूं तो मेरे जज़्बात हो तुम