आज जैसे क्रंदन में बरसती है, किसी वेदना में तरसती है, सुनो, बारिश क्या कहती है !! आज जैसे क्रंदन में बरसती है, किसी वेदना में तरसती है, सुनो, बारिश क्या कहत...
निर्धन जन का दैनंदिन जीवन कर देंगे अंतहीन रण, पाषाण एकाधिपति केवल देता है विनाश का निम निर्धन जन का दैनंदिन जीवन कर देंगे अंतहीन रण, पाषाण एकाधिपति केवल देता है विन...
कविता ह्रदय की विषयवस्तु है, भावनाओं की अभिव्यक्ति है। कविता ह्रदय की विषयवस्तु है, भावनाओं की अभिव्यक्ति है।
जो कर बैठे हैं अतिक्रमण आज़ादी का उनके विरुद्ध श्वेत पत्र मैं लाया हूँ, जो कर बैठे हैं अतिक्रमण आज़ादी का उनके विरुद्ध श्वेत पत्र मैं लाया हूँ,
हर एक शख्स की यही कहानी है थोड़ी सी कड़वी पर रुहानी है हर एक शख्स की यही कहानी है थोड़ी सी कड़वी पर रुहानी है