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ravindra kumawat

Others

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विश्व स्वास्थ्य युद्ध ( कोरोना महामारी )

विश्व स्वास्थ्य युद्ध ( कोरोना महामारी )

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चुभते शूल त्रिशूल के, छाप छोड़ने लगे

धूल के कण फर्श पर आप छोड़ने लगे

मक्कारों की मक्कारी मौके मारती चली

सुलगते मौतों के सिलसिले पश्चाताप छोड़ने लगे 


आपकी तो अक्ल पर अकाल पड़ गया

सवाल दर सवाल पर बवाल बढ़ गया

जिद्द जान लेने की जुबान दे गई 

तो बाकमाल मौत की मजाल का मलाल बढ़ गया 


विरोधियों कि बुद्धि के तो स्वर भी शुद्ध है

वीर और शूरवीर सारे क्रुद्ध है

आस- पास- काश खाली सर्वनाश दिख रहा

ये अर्थ का अनर्थ "विश्व स्वास्थ्य युद्ध" है 


ये शत्रु अदृश्य है चाहे अकड़ के देख लो

इसके सम्मुख भय व्यर्थ है चाहे जबड़ा जकड़ के देख लो 

प्रणपुंज - शौर्यकुँज और हो यदि विजय के अक्स

तो दर-बदर भटकने से तो कुछ दिन घर पकड़ के देख लो 



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