जीवन तसव्वुर के खिलौने
जीवन तसव्वुर के खिलौने
जीवन तसव्वुर के खिलौने -
मौत के आगे छोटे-छोटे,
हौसलों के आगे बौने-बौने ...
भले चलो लेकर सपने सोने-सोने,
डटे रहो तो ही सारे पूरे होने,
सभी को है चोट के बोझे ढोने,
किसी काम के नहीं -
गिड़गिड़ाकर पागल होने
नहीं चलेंगे रोने-धोने
जीवन तसव्वुर के खिलौने -
मौत के आगे छोटे-छोटे ,
हौसलों के आगे बौने-बौने ...
दस्तूर जमाने के बिछे हुए है
जीवन के हर कोने-कोने,
बिना रोकटोक यूं ही चले है ....
...और यूं ही चलते रहेंगे ...
खिलौने मन - बेमन के पाने-खोने,
यही पर उदय, यही पर अस्त
यही पर है चलने - खाने - पीने
और यहीं पर है सोने डाल बिछौने
मेहनत का खेल है -
दौलत, शोहरत , चांदी - सोने
है मेहनत के भरोसे -
पंडालों के 'पातल-दोने'
छोटा सुकून है -
चार दिनों के जादू - टोने
उम्मीद में मेहनत नहीं ...
तो आधे-पौने है 'जगत के जोने'
जीवन तसव्वुर के खिलौने -
मौत के आगे छोटे-छोटे ,
हौसलों के आगे बौने-बौने ...
जीवन को ...
नृत्य समझकर ताल से ताल मिलाने
संगीत समझकर सुर-बेसुर में गीत गुनगुनाने
स्वयं के हो या अपने हो या पराये
निरंतर है दुनिया में -
तारीफ, कृत्य-कुकृत्य के किस्से सुनने - सुनाने
इस एक जीवन में सब लिखते है सब गाते है
अपनी - अपनी भाषा में गाने
ऐसे ही थे ...
ऐसे ही है ...
और ऐसे ही रहेंगे ...
जीवन तसव्वुर के खिलौने -
मौत के आगे छोटे-छोटे ,
हौसलों के आगे बौने-बौने ...
