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ravindra kumawat

Others

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जीवन तसव्वुर के खिलौने

जीवन तसव्वुर के खिलौने

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जीवन तसव्वुर के खिलौने -

मौत के आगे छोटे-छोटे,

हौसलों के आगे बौने-बौने ...


भले चलो लेकर सपने सोने-सोने,

डटे रहो तो ही सारे पूरे होने,

सभी को है चोट के बोझे ढोने,

किसी काम के नहीं -

गिड़गिड़ाकर पागल होने

नहीं चलेंगे रोने-धोने

जीवन तसव्वुर के खिलौने -

मौत के आगे छोटे-छोटे ,

हौसलों के आगे बौने-बौने ...


दस्तूर जमाने के बिछे हुए है

जीवन के हर कोने-कोने,

बिना रोकटोक यूं ही चले है ....

...और यूं ही चलते रहेंगे ...

खिलौने मन - बेमन के पाने-खोने,

यही पर उदय, यही पर अस्त 

यही पर है चलने - खाने - पीने

और यहीं पर है सोने डाल बिछौने 

मेहनत का खेल है -

दौलत, शोहरत , चांदी - सोने

है मेहनत के भरोसे -

पंडालों के 'पातल-दोने'

छोटा सुकून है -

चार दिनों के जादू - टोने

उम्मीद में मेहनत नहीं ...

तो आधे-पौने है 'जगत के जोने'

जीवन तसव्वुर के खिलौने -

मौत के आगे छोटे-छोटे ,

हौसलों के आगे बौने-बौने ...


जीवन को ...

नृत्य समझकर ताल से ताल मिलाने

संगीत समझकर सुर-बेसुर में गीत गुनगुनाने 

स्वयं के हो या अपने हो या पराये

निरंतर है दुनिया में -

तारीफ, कृत्य-कुकृत्य के किस्से सुनने - सुनाने

इस एक जीवन में सब लिखते है सब गाते है

अपनी - अपनी भाषा में गाने

ऐसे ही थे ...

ऐसे ही है ...

और ऐसे ही रहेंगे ...

जीवन तसव्वुर के खिलौने -

मौत के आगे छोटे-छोटे ,

हौसलों के आगे बौने-बौने ...


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