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Divyanshi Triguna

Abstract

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Divyanshi Triguna

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तुम बिन कौन हमारा हैं,,।

तुम बिन कौन हमारा हैं,,।

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शरण ले लो मेरे भगवन, 

    कि तुम बिन कौन सहारा है..

ये दुनिया झूठ हैं सारी, 

    कि तुम बिन कौन हमारा है..

तुम रख लेना हमें चाकर, 

    यहीं उपकार तुम्हारा है..

तेरी शरण में रहने को,

    ये मन व्याकुल हमारा हैं..

कि मत छोड़ो हमें यहां तुम,

    यहां पर कौन हमारा है..

तेरे चरणों की सेवा से, 

    जीवन उद्धार हमारा है..

शरण ले लो मेरे भगवन, 

    कि तुम बिन कौन सहारा है.......


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