सरसों पर पीलिमा छाई वायुदेव बयार चलाने लगे। सरसों पर पीलिमा छाई वायुदेव बयार चलाने लगे।
हरियाली रूपी ओढ़ काम्बली आ गए महंत बसंत जी...! हरियाली रूपी ओढ़ काम्बली आ गए महंत बसंत जी...!
बहार के आने से, ये सूना बाग़ हुआ गुलज़ार, पाखी की, ये कलरव सुनी, भंवरों की गुन्जार! बहार के आने से, ये सूना बाग़ हुआ गुलज़ार, पाखी की, ये कलरव सुनी, भंवरों की गु...
देखो-देखो यारों, तन-मन को हर्षाने, कारै-कारै बदरा, संग सावन आवै है...! देखो-देखो यारों, तन-मन को हर्षाने, कारै-कारै बदरा, संग सावन आवै है...!
इस ओर हर ओर, मैं देखूं जिस भी ओर, एक उत्सव सा लगता है। इस ओर हर ओर, मैं देखूं जिस भी ओर, एक उत्सव सा लगता है।
या रब सी सूरत वाली, तुम खाबों में ही रहती तो सब सही रहता! या रब सी सूरत वाली, तुम खाबों में ही रहती तो सब सही रहता!