हे ईश्वर तेरा ये उपहास किसलिए पीर क्यों जग उदास सहमा उपवन छाया कुहास हे ईश्वर तेरा ये उपहास किसलिए पीर क्यों जग उदास सहमा उपवन छाया कुहास
आखिर खिला था एक गुलाब मेरे आंगन में मेरी बगिया में...! आखिर खिला था एक गुलाब मेरे आंगन में मेरी बगिया में...!
बहार के आने से, ये सूना बाग़ हुआ गुलज़ार, पाखी की, ये कलरव सुनी, भंवरों की गुन्जार! बहार के आने से, ये सूना बाग़ हुआ गुलज़ार, पाखी की, ये कलरव सुनी, भंवरों की गु...
और जी लिया करते हैं उन झूलों की प्यारी यादों में। और जी लिया करते हैं उन झूलों की प्यारी यादों में।