श्रम
श्रम


इच्छा को मजबूती, देती है चाहत,
कर्मठता जीवन में, घोले है राहत,
आलस्य,मक्कारी, छीने जहाँ भी,
मेहनत से मिलती, नहीं कोई आहत,
मन को जुनूनी, जुझारु बनाती
संयम, हिम्मत, दोनो दे जाती,
कौशल व अनुभव, इसमें समाहित
मेहनत से सुख व संतुष्टि आती,
हालात इनमे, सुधरते रहे है,
सपने इन्ही में, सँवरते रहे है,
दृढनिश्चय विश्वास, इनमें अटल है,
गुमनाम मेहनत से, डरते रहे है,
निष्ठा, लगन से, नसीब निखर जाते है,
पीडित व तंगदिल, गरीब निखर जाते है,
कमजोरी, हीनता, मुख को है छिपाते,
मेहनत से घर और हबीब निखर जाते है।
खुशियों का इनमें धाम है, तृप्ति का मिलना आम है,
इनमें ही जिंदादिली,जज्बो का भी काम है
मंजिले इनमे मिले, अनुभवी हर जाम है,
शक्तिशाली मेहनत को, शत शत प्रणाम है,