साकार सृजन
साकार सृजन
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प्रेमचंद का अद्भुत संसार
श्रेष्ठ रचनाओं का बड़ा परिवार।
'गबन'की कथा जानी-पहचानी
मध्यम वर्गीय है ये कहानी।
पढ़ते-पढ़ते मन खो गया,
हर पात्र मानो साकार हो गया।
गृहस्थ जीवन की कठिन ये गाड़ी
चलाने में मशक्कत लगती है भारी।
न चाहते वो काम हो गया
गबन में नायक बदनाम हो गया।
अमिट छाप छोड़ती अमर ये रचनायें
प्रेमचंद को फिर श्रेष्ठ क्यों न बुलाएँ।
