ANNI SINGH

Classics

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ANNI SINGH

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प्यास

प्यास

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इन फूलों की कब मिटेगी प्यास

कब से बैठी है लगा कर यह आस

आज फिर रब ने सून ली

इन फूलों की इबादत।


हाँ, बरसा दिया बारिश

पूरी कर दी इन फूलों की ख्वाहिश

खिला खिला दी इन

फूलों की प्यारी पंखुरी।


ऐसी ही खिला खिलता रहे

यह प्यारी पंखुरी

यह रोज करूँ मैं रब से गुज़ारिश

इन फूलों की अब मिटेगी प्यास।


हाँ पूरी हो गयी इन ख्वाहिश

हाँ मिटेगी इनकी प्यास।


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