Syeda Nabila
Romance
मेरे ज़िन्दगी में सारी खुशियाँ
बस तेरे बहाने से आई है,
कुछ तुझे सताने से आई है
कुछ तुझे मनाने से आई है
प्यार मिला
मुश्किल से मिलती है छाया विरान रेगिस्तान में सुदर्शन, मन को तपा कर तन के साये में खोना मुश्किल से मिलती है छाया विरान रेगिस्तान में सुदर्शन, मन को तपा कर तन के साये...
कितनी शिद्दत से मेरे दिल ने तुम्हें चाहा है जफ़ा ही तेरी अदा है, तो है कुबूल मुझे। कितनी शिद्दत से मेरे दिल ने तुम्हें चाहा है जफ़ा ही तेरी अदा है, तो है कुबूल म...
मत बना जीवन साथी मुझे, पर जिंदगी के सफर में साथ तो आने दे। मत बना जीवन साथी मुझे, पर जिंदगी के सफर में साथ तो आने दे।
बेवफाई का बोझ कैसे उठा लेते हो? हम तो वफ़ा की बोझ तले ही दबते रहे। बेवफाई का बोझ कैसे उठा लेते हो? हम तो वफ़ा की बोझ तले ही दबते रहे।
अपनी आँखों में तेरा अक्स देखती हूँ, तुझे फिर से मिलने का सबब देखती हूँ। अपनी आँखों में तेरा अक्स देखती हूँ, तुझे फिर से मिलने का सबब देखती हूँ।
ख्वाहिश यही कि इश्क मुकम्मल हो बेदाग मोहब्बत सदा अमल हो......। ख्वाहिश यही कि इश्क मुकम्मल हो बेदाग मोहब्बत सदा अमल हो......।
मॉनसून का पैग़ाम ले आता है तेरा आना। चेहरे पर मुस्कान ले आता है तेरा आना।। मॉनसून का पैग़ाम ले आता है तेरा आना। चेहरे पर मुस्कान ले आता है तेरा आना।।
भीगी भीगी सड़कों पर यूं ही बेमतलब घूमना। भीगी भीगी सड़कों पर यूं ही बेमतलब घूमना।
तू हमदम है हमदर्द, खुदा है या क्या है ? तू हमदम है हमदर्द, खुदा है या क्या है ?
हूँ! पागल ही हूँ मैं तुम बिन बहुत उदास रहता हूँ। हूँ! पागल ही हूँ मैं तुम बिन बहुत उदास रहता हूँ।
हम तुम संग संग चलते थे, नभ से मेघ बरसते थे, हम तुम संग संग चलते थे, नभ से मेघ बरसते थे,
कुछ हर्फ़ मौजूद हैं तेरे नाम के,मेरे नाम में, तू मीलों दूर होकर भी समाया है मुझमें। कुछ हर्फ़ मौजूद हैं तेरे नाम के,मेरे नाम में, तू मीलों दूर होकर भी समाया है म...
तेरे लबों पर तो सौगात हो, जो लिखे मुझे दिल के हालात हो। तेरे लबों पर तो सौगात हो, जो लिखे मुझे दिल के हालात हो।
पर कुछ भी कहो पारुल मेरी जान हो तुम।। पर कुछ भी कहो पारुल मेरी जान हो तुम।।
रोनक ले आती है तेरे नाम की बिंदिया जरूर माथे का चांद है मेरे तेरे नाम का सिंदूर,,, रोनक ले आती है तेरे नाम की बिंदिया जरूर माथे का चांद है मेरे तेरे नाम का सिंद...
कभी पागल लगी किसी को तो,, कभी किसी को खली हूं मैं। कभी पागल लगी किसी को तो,, कभी किसी को खली हूं मैं।
माना सहनी पड़ी बेइज़्ज़ती ज़माने से अगर, कुछ दिलकशी की बात को विदा कीजिये। माना सहनी पड़ी बेइज़्ज़ती ज़माने से अगर, कुछ दिलकशी की बात को विदा कीजिये।
मन में तुम्हारे कुछ और था और कुछ और ही तुम कहती थी। मन में तुम्हारे कुछ और था और कुछ और ही तुम कहती थी।
कब से तुम हमारे गहरे सपनों में आने लगे थे, तब से हम तुम्हें सपनों में जगाने लगे हैं। कब से तुम हमारे गहरे सपनों में आने लगे थे, तब से हम तुम्हें सपनों में जगाने ल...
आज भी मेरी डायरी में बंद है इश्क़ का वो पहला गुलाब। आज भी मेरी डायरी में बंद है इश्क़ का वो पहला गुलाब।