पहले ख़ुद में राम दिखा,,
पहले ख़ुद में राम दिखा,,
दशहरे के पहले तू
मन शुद्ध करके दिखा,
रावण को जलाने वाले
सब से पहले ख़ुद में राम दिखा।
सीता का अपहरण करने पर
सालों से दे रहे हो रावण को सजा,
खुले आम घूम रहे हैं चौराहे पर
बलात्कारी लूट रहे हैं मज़ा ।
कितने दिन तक जलाएंगा
निष्प्राण पुतले रावण को,
हो सकें तो बंद करके दिखा
बलात्कार के अत्याचार को।
रोज़ जलाना निश्चेष्ट पुतला रावण का
पहले खुदके अहंकार को मिटाकर दिखा,
हो सकें तो प्रेम, करुणा, शान्ति
अपने मन में समाकर दिखा।
नहीं दानवी कृत्य करें
मानवता का अलख जगा के दिखा,
काम, क्रोध, मद, लोभ दूर कर
खुद में ही रामत्व जगा के दिखा।
रावण को जलाने वाले
त्याग भाव खुद में जगा के दिखा,
तपस्वी जैसा गणवेश पहन
ख़ुद में ही वनवासी राम जगा के दिखा।