पालतू पशु या पक्षी
पालतू पशु या पक्षी
बात नसीबों की होती है सब,
कोई अपना भाग्य बदल नहीं पाता है..
कोई नहीं जानता इस धरा पर
जन्म लेते वक़्त,
क्या लिखा है तक़दीर में ऊपर वाले ने..
किसी को मिलता है राजसी ठाठ,
तो किसी को नसीब भी नही होती
टूटी खाट..
भइया ये सब जन्मों के फेर हैं
और कर्मों का परिणाम है,
भले कर्म से जन्म सुधरता
कर्मो के फेर से ही निर्भर करता..
सोचिए न, बात नसीबों की न होती तो
कोई कोई कुत्ता गन्दगी में है मुँह मारता,
तो कोई राजे महाराजे से जीवन बिताता..
अच्छे अच्छे इन्सानों के नसीब में जो सुख नहीं होता
वो कुत्ता होकर उन सबको पाता,
ए सी रूम और ए सी गाड़ी में बैठकर
बहुत इतराता..
लेकिन कहते हैं न कि दूसरे की थाली की रोटी
हमेशा अच्छी दिखती है,
वही जब ए सी गाड़ी में बैठ बाहर देखता है
तो धिक्कारता है अपने नसीब को..
और सोचता है गले मे पड़ी मालिक की जंजीर को
मुझसे भले तो ये गली के कुत्ते है,
जब मन आये चाहे जहां अपनी मर्जी से जाओ
चाहे जैसे घूमो, मजे करो..
कोई बंधन नहीं है,
कोई रोक टोक नही है,
गली का कुत्ता, गाड़ी वाले कुत्ते के नसीब
को सराहता है,
उधर गाड़ी में बैठा कुत्ता
गली के कुत्ते के भाग्य पर इठलाता है..
उसे अपने पालतू होने पर तरस आता है,
तो गली का कुत्ता पालतू बनने को तरसता है..
बात नसीबों की होती है सब,
कोई अपना भाग्य बदल नही पाता है..!