अंतरिक्ष
अंतरिक्ष
माँ चलीं गईं हम सब को सदा के लिए छोड़ कर,
कितने लोग आए उनको सदा के लिए अलविदा कहने,
इतने वर्षों में कभी समय निकाल ही नहीं पाए
उनकी तपस्या जानने का,
आज जब वो नहीं रही तो सब जानने का मन करता है,
सब सुनने का समय मिल गया है..
कुछ समय बाद मन थोड़ा बदला तो चाचा के पास जाकर बैठी,
चाचा बोले, बेटा भाभी चली गयी
और हमारे अंतरिक्ष का एक सितारा कम कर गईं,
मुझे चाचा के अंतरिक्ष वाले शब्द को सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ,
बड़ी ही तन्मयता से चाचा से उस अंतरिक्ष के बारे में पूछने बैठी,
चाचा बोले, चल छत पर चलते हैं..
ऊपर जा कर चाचा बोले,
देख तेरे परदादा के चार भाई थे..
दूर दूर इशारा करके सबके घर दिखने लगे,
फिर उन चार भाइयों में से तेरे बाबा एक रहे,
तेरे बाबा के तीन बेटे और दो बेटी हुई,
उनमें से एक तेरे पापा एक मैं और एक तेरे बड़े ताऊ,
फिर तेरे पापा के दो बेटे और दो बेटी,
तेरे माँ पापा की तपस्या से,
तेरा एक भाई डॉ और एक इंजीनियर बन गया,
तुम दोनों बहनें अच्छे घर चलीं गईं,
अब इसीलिए मैंने तुझे बोला,
यही है तेरी माँ का अंतरिक्ष..