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vinod mohabe

Others

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vinod mohabe

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"मैं उस देश का वासी हूँ "

"मैं उस देश का वासी हूँ "

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मैं उस देश का वासी हूँ

जिस देश में नदियों के पावन जल से 

देश में खुशहाली आती है 

मैदानों में भी खिली हुई 

हरियाली आती है 


मैं उस देश का वासी हूँ

जिस देश में "सत्यमेव जयते" को

राष्ट्रीय वाक्य कहते है

प्यारे तिरंगे झंडे को 

राष्ट्रीय ध्वज कहते है 


मैं उस देश का वासी हूँ 

जिस देश में सारनाथ का सिंह स्तम्भ 

अपना राज चिन्ह है 

दिशा दिखाने समाज को 

संविधान को अपनाया है 


मैं उस देश का वासी हूँ 

जिस देश में सर्दी गर्मी को सहते है 

ये पर्वत अड़े हुए है 

चट्टानें है फौलादी 

सैनिक से खड़े है 


मैं उस देश का वासी हूँ

जिस देश में कहीं मैदान कहीं नदिया है 

कहीं घाटियाँ कहीं फूलों की बगिया है

कहीं रेत कहीं झरने है

ये ही तो मेरे देश की शान कहलाती है 


मैं उस देश का वासी हूँ 

जिस देश में कीचड़ में भी खिले  

कमल को राष्ट्रीय पुष्प कहते है 

बाघ राष्ट्रीय पशु और राष्ट्रीय पक्षी मोर कहते है  

सोने कि चिड़ियाँ मेरे देश को शान से कहते है  


मैं उस देश का वासी हूँ

जिस देश में सद्गुणों कि खान कहते है   

बोली भाषा में है अपनापन 

मधुर वाणी शिष्ट व्यवहार करते है  

सब एक दूसरे का सन्मान करते है


मैं उस देश का वासी हूँ

जिस देश में धरती पर सोना उगाया जाता है  

अपनी मेहनत से वो किसान फसल उगाते है

भूखे को भी दो रोटी का निवाला खिलाते है  

हां मैं उस देश का वासी हूँ 


मैं उस देश का वासी हूँ

जिस देश में संस्कार संस्कृतियों का मान रखते है  

मनभावन तीज त्यौहार का भरमार होता है

अतिथि सेवा मनुहार की, उठती यहाँ मिठी तान है  

जो विविधता से घिरा मनमोहक मेरा भारत है


हां मैं उसी भारत देश का वासी हूँ

हां मैं उसी भारत देश का वासी हूँ   


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