माँ
माँ


ममता की अनमोल कोष तू,
प्यार की पहली मधुर सोच तू।
आंखों में पलती वो ख्वाब तू,
मेरे सब प्रश्नों का जवाब तू।
तू है मेरी पहली बोली,
मेरे पहले पग की सहेली।
तू है रिश्तों की परिभाषा,
सारे टूटे मन की आशा।
तू है तो रौनक जीवन है,
तू न है तो क्या जीवन है !
तुझमें मेरा जगत समाया,
अंजुरी में मैं भर के लाया।
पुष्प, धूप, चंदन,
हे माँ ! तेरा वंदन।