STORYMIRROR

Rajit ram Ranjan

Others

1.9  

Rajit ram Ranjan

Others

कुछ नहीं होने वाला हैं

कुछ नहीं होने वाला हैं

1 min
28.4K


ये लोग, ये समाज, ये परंपराए,

सब बेबुनियादी है, सच से एकदम परेह है,

जिसका कोई वजूद नहीं।


बचपन में हमें, लोग प्यार करना सिखाते है,

मगर जवानी में, जब किसी से प्यार करने लगते है,

तो घर परिवार वाले ये देखते है, कि वह हमारे

समाज जाति धर्म मज़हब संप्रदाय का है,या नहीं।


कब उठेंगे, कैसे नींद से जागेंगे लोग,

जाति धर्म मज़हब संप्रदाय से आगे

की कब सोचेंगे लोग।


एक मॉं-बाप हमेंशा अपने बच्चों के

भले के ही बारे में सोचते है,

मगर ज़िंदगी के कुछ फैंसलों के

निर्णय का अधिकार बच्चों को भी होना चाहिए,


हम प्यार किसी और से करते है,

मगर इस खोंखले समाज के लिए

अपने सपनों का गला घोंटना पडता हैं,


मासूम सी ज़िंदगी के साथ

समझौंता करना पडता हैं,

उस वक्त हमारी ज़िंदगी

एक जिंदी लाश बन जती है।


बच्चें गर शादी की उम्र के हो गये,

तो उन्हें हर मॉं-बाप को चाहिए कि

उन्हें अपना दोस्त बना लेन चाहिए।


हर नवयुवक को अपने ज़िंदगी का

लाईफ पार्टनर चुनने का अधिकार होना

चाहिए, इसमें मां-बाप को भी

उनकी मदद करनी चाहिए।


जब तक हम जाति धर्म मज़हब संप्रदाय और

खोंखले समाज से ऊपर नही उठेंगे,

तब तक कुछ नहीं होने वाला है।


Rate this content
Log in