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Kunda Shamkuwar

Others

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Kunda Shamkuwar

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जिंदगी एक लिबास

जिंदगी एक लिबास

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जिंदगी के लिबास का 

अजीब ताना बाना है

रिश्तों की है उसमे गांठें

उम्र की है कुछ सिलवटें


कुछ धागे कच्चे-पक्के है

कई धागे उसमें सुर्ख है

कुछ है धागे स्याह उसमे

कहीं धागें उजले से भी है


रंग गये धागे बंध गये धागे

एक दूसरे में मिल गये धागे

संग संग सिल गये धागे 

रंगबिरंगी हो जुड़ गये धागे


कभी उलझकर सुलझे धागे 

कही उधड़कर सील गए धागे 

कभी पैबंद से जुड़ गए धागे 

कही रफू से मिल गए धागे 


उलझे धागों की उलझन में

जिंदगी भी रही उलझती सी 

लिबास बदला रूह ना बदली 

जिंदगी हो गयी अदली-बदली


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