बहुत कर चुके नाश इसका अब हरियाली चारो तरफ फैलाएंँ। बहुत कर चुके नाश इसका अब हरियाली चारो तरफ फैलाएंँ।
उलझे धागों की उलझन में जिंदगी भी रही उलझती सी लिबास बदला रूह ना बदली जिंदगी हो गयी अदली-बदली उलझे धागों की उलझन में जिंदगी भी रही उलझती सी लिबास बदला रूह ना बदली जिंदगी...