उलझे धागों की उलझन में जिंदगी भी रही उलझती सी लिबास बदला रूह ना बदली जिंदगी हो गयी अदली-बदली उलझे धागों की उलझन में जिंदगी भी रही उलझती सी लिबास बदला रूह ना बदली जिंदगी...
प्रेम अमृत बरसाती रही मैं, अपनी पहचान मिटाती रही मैं, प्रेम अमृत बरसाती रही मैं, अपनी पहचान मिटाती रही मैं,