जिंदगी बन जाए कविता
जिंदगी बन जाए कविता
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कभी कभी मन में मेरे
एक बात खटकता है
ये हम बरस में
सिर्फ एक दिन
कविता दिवस क्यों मनाते हैं ?
कितना अच्छा होता
गर हम हर दिन उसे मनाते
कविता को जिंदगी मानते
और जिंदगी को
कविता के जरिए समझते
एक आशिक या
कवि का दिल लेकर
जीवन और संसार के
सारे समस्याओं के हल ढूंढते
युद्ध को नफरत करते
उसे बिलकुल होने नहीं देते
सबको प्यार करते
सबके साथ देते
दूसरे के दर्द को
अपने दिल में अहसास करते
जिंदगी को हमारे कवितामय बना देते ।