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Wagisha Washisht

Abstract

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Wagisha Washisht

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जीवन, एक महा गान

जीवन, एक महा गान

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क्या अर्थ है इन सब शिकवों का

क्यों है जीवन एक भार।

क्यों करते रहते हर पल हम

प्रतिस्पर्धा की बौछार|


दो पल की भी ना चैन हमें

कैसी ये भागम भाग।

जीवन को बेहतर करने में

जीना ही दिया है त्याग।


आज हैं हम और कल ना है

पर कितने यहाँ दिवार।

एक हसी तो दे दो दोस्त मेरे

बस इतनी है दरखास्त।


कर्कश शब्दों के तीरों से

हम हुए पड़े बेहाल।

न कह सकते न सुन सकते

है बेबस और लाचार।


बड़े हो या फिर छोटे हो

दो आदर और सत्कार।

गम को खुद से दूर करो

और बाटों ख़ुशी हज़ार।


किसी की जीवनशैली पर

क्यों करते हो तुम वार।

खाओ पीयो मस्त रहो

रखो न सोच बीमार।


जीवन के मकसद भले हज़ार

पर सबका यही एक सार|

पतवार है तेरे हाथों में

और बहाव भी तेरे साथ।


तेरी नैय्या राही छोटी सी

जाने कब लग जाये पार।

हर राह तुम्हारी सच की हो

ये प्रण तुम ले लो आज।


जीवन का गान है भव्य बड़ा

आदि और अंत कहार।

डोली है ये अपना जीवन

आशाओं का उपहार।


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