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Dr. Akansha Rupa chachra

Romance

4  

Dr. Akansha Rupa chachra

Romance

इंतजार

इंतजार

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उम्मीद दम तोड़ते लगी अब तो आओ ,

धड़कने लड़खड़ाने लगी और न सताओ।

एक प्यार भरी हिचकी तुम तक नही पहुँची। 

मेरी यादो के समुद्र मे एक डुबकी तो लगाओ।

आँखो से मोती बहने लगे तेरी याद के आओ इनकी माला तो सजाओ।

मुझे हंसाने के वादे कर अब न भूल जाओ।

एक बार फिर से आवाज देकर मुझें बुलाओ।

तेरी यादे तूफान बन कर दिल की जमी पर हलचल मचाने लगी। 

तेरी बाते मेरे दिल पर कब्जा जमाने लगी।

मै बावरी होकर सुधबुध गवाने लगी ।

एक बार हाथ थाम लो फिर से मेरा दम निकलने से पहले

कुछ ऐसा हो तेरे दूर जाने से पहले मेरा दम निकलने जाऐ।

आखिरी हिचकी तेरे कांधे पर निकले।

मौत का खौफ नही मुझको बस तेरे दीदार का इंतजार है। 

रूह को छूकर तूने मेरी,प्यार की सरगम हवाओं में खुशनुमा 

मौसम छेड़ा था,हाथो मे हाथ थाम कर सच भी कुछ बोला था।

तेरे वादे ,तेरा सच मेरे दिल की हर दीवार पर तेरा अक्स 

तू कैसे भूल गया कोई हर साँस तुझे याद करता है।

तेरी बाते सुनने की तड़प मे दिल उदास रहता है।

उम्मीद की दलानो पर विश्वास की आस लगाई है।

इस पगली को थमाने तेरी मीठी यादे आज मेरे करीब आई है। 


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