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Shyam Kunvar Bharti

Romance Tragedy Others

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Shyam Kunvar Bharti

Romance Tragedy Others

हम नहीं जान पाये

हम नहीं जान पाये

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कब रूठे और कब मान गए हम नहीं जान पाये।

मिन्नतों आना कब ठान गए हम नहीं जान पाये।


हुस्न हो लाजवाब जवानी गरुर आ ही जाता है।

कब जागे कब चद्दर तान गए हम नहीं जान पाये।


मजा आता है उनके रूठने मनाने में बहुत मुझे।

अब रूठे सुबह से शाम गए हम नहीं जान पाये।


है बड़ा दिलकश अंदाज मेरे महबूब क्या कहूँ।

की तारीफ वो बुरा मान गए हम नहीं जान पाये।


जानेमन गुले गुलबदन उनको कहा वो रूठे रहे।

रूठ कब जमीं से चाँद गए हम नहीं जान पाये।


लिए हाथो गुलों गुलदस्ता उनके आगे पीछे फिरा।

पकड़ मगर वो मेरे कान गए हम नहीं जान पाये।


गुजरा जब भी वो मेरे बगल मुॅंह फेर चल दिया।

पैरो तले रौंद वो मेरी जान गए हम नहीं जान पाये।


रूठने मनाने वक्त न गुजारो जिंदगी चार दिन की।

नशा शबाब पी वो जाम गए हम नहीं जान पाये।


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