गजब है रे तू सोशल मीडिया
गजब है रे तू सोशल मीडिया
बड़ा ही गजब है रे तू,
वाह रे सोशल मीडिया।
तेरे अनेक रूपों की तरह,
इन्सान भी हो गया बहरूपिया
गजब है रे तू सोशल मीडिया।
जब आंखों से,
बाढ़ बह रही हो,
तो पोछने को एक हाथ नहीं,
मगर फेसबुक पर कोई दुख भरी पोस्ट देख,
दुख जताने वालो की सैकड़ों में हो जाती संख्या,
गजब है रे तू सोशल मीडिया।
यू कभी, कहीं सामने पड़ जाए तो,
नज़रे चुरा, अजनबी बन जाते लोग,
मगर फेसबुक पर सबके लिए अच्छा बनने को,
बेइन्तहा प्यार की बह जाती नदिया
ग़जब है रे तू सोशल मीडिया।
तू कर कर थक जाये,
मगर तेरी एक अच्छाई को,
किसी की तारीफ़ का एक शब्द सुनाई नहीं दिया ,
मगर सोशल मीडिया पर आते ही,
तारीफों की लग जाती हैं झड़िया,
गजब है रे तू सोशल मीडिया।
तुम्हारी चन्द फोटो देख,
लाईक और इमोजी की लग जाती कतार,
मगर तुम्हें देखने को,
तुमसे मिलने को,
किसी के पास समय नही है यार,
तू बस हर थोड़ी देर में,
लाईकस की, कमेन्टस की,
गिनता रह संख्या,
ग़जब ही है तू,
वाह रे सोशल मीडिया।
दिल में कुछ नहीं,
मगर दुनिया को दिखाने को,
कितने ही बड़े. -.बड़े शब्दों की,
सजा दी जाती क्यारिया,
गजब है रे तू सोशल मीडिया।&
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सच का कहीं अता-पता नहीं,
भावनाएं दिलो में है नहीं,
फिर भी दुनिया को,
झूठे प्यार की,
कितनी ही सुनाता कहानियाँ,
गजब है रे तू सोशल मीडिया।
अब तो प्यार, और नाराज़गी,
दिलो की दीवारें ,
घर की चौखट छोड़,
सोशल मीडिया पर आ कर,
दायरों की तोड़ रहा हर बेड़ियां,
गजब है रे तू सोशल मीडिया।
कुछ ना होते हुए भी,
ना जाने कौन कौन से ,
एहसास दिखाता सोशल मीडिया,
ठीक से हँसे महीनों बीत गए,
मगर हर हफ्ते सबको कितना खुश,
दिखाता सोशल मीडिया,
प्यार की, रिश्तों की,
इक अलग ही परिभाषा सिखाता,
यह सोशल मीडिया,
दुनिया की क्या ही कहे,
लोगों को खुद के ही सच से ,
दूर ले जाता सोशल मीडिया,
लोगों को छल की,
फरेब की दुनिया में जीना सिखाता,
यह सोशल मीडिया
खुद के अकेलेपन से लड़ने को,
इक हथियार बनता सोशल मीडिया,
पता नहीं,
जो सच है, वह क्यो नहीं दिखा पाता
यह सोशल मीडिया,
लोगों की झूठी हंसी के पीछे के दर्द को,
भीड़ में दिखते लोगों के,
अकेलेपन को,
नहीं दिखा पाता यह सोशल मीडिया
सब कुछ चकाचौंध से भरा होने के बाद भी,
बहुत खोखला नजर आता सोशल मीडिया
बहुत कमजोर लगता सोशल मीडिया
गजब ही है तू सोशल मीडिया।