दोस्तों स्वच्छता के लिए
दोस्तों स्वच्छता के लिए
गीत
दोस्तों स्वच्छता के लिए
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गंदगी न बढ़ाये कोई,
इस नगर में खुदा के लिए।
आइए एक कदम चल पड़े,
दोस्तों स्वच्छता के लिये।।
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गंदगी से सना होगा घर,
आग की होंगें लोगों नजर।
भस्म अस्तित्व कर लेंगें हम,
पाल बैठेगें मरने का डर।।
इसलिए राह हम वो चुनें,
काम आए सदा के लिए।
आईये एक कदम चल पड़ें,
दोस्तों स्वच्छता के लिए।।
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जल अगर गंदा हमने किया,
मोल फांसी का फंदा लिया।
रक्त लीवर या किडनी बिना,
जाएगा कैसे हमसे जीया।।
है जरूरी के हो जायें हम,
सख्त हर बेवफा के लिए।
आईये एक कदम चल पडें,
दोस्तों स्वच्छता के लिए।।
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शुद्ध वायु से तर जाएंगें,
वरना बेमौत मर जाएंगें ।
जो हवा को प्रदूषित किया,
सांसे लेने किघर जाएंगें।।
क्यों जुबां अपनी खुलती नहीं,
जान लेवा हवा के लिए।
आईये एक कदम चल पड़ें,
दोस्तों स्वच्छता के लिए।।
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पैसों से आदमी धुल गया,
जब जहर मिट्टी में घुल गया।
साग सब्जी हो या फल कोई,
साथ उसके जहर तुल गया।।
जिन्दगी को बचाना है तो,
हम लड़ें शुद्धता के लिए।
आइये एक कदम चल पड़े
दोस्तों स्वच्छता के लिए।।
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अख्त अभी शाह "अनंत" नीमच