बसंत
बसंत
1 min
161
फैली हरियाली अनंत।
लो आ गया बसंत।
है नहीं अब सुकून का अंत।
पतझड़ के बाद बसंत।
फूलों पर लहराती तितली।
भंवरों की चाल है बदली।
रंगों की हो रही होली।
बन गए सब हमजोली।
नव वर्ष का आगमन।
सुसंस्कृत भाव का समागम।
पतंगों का खेल।
है नहीं कोई ऊंच-नीच का भेद।