एक चिड़िया रोज़ बैठे मेरी खिड़की पर एक चिड़िया रोज़ बैठे मेरी खिड़की पर
उसकी चाहत से उसकी जरूरत मै बन गई. उसकी चाहत से उसकी जरूरत मै बन गई.
घुमती है दुनिया, फिर भी बढ़ती जा रही ,लोगों को अब चादर भी, कम पड़ती जा रही !! घुमती है दुनिया, फिर भी बढ़ती जा रही ,लोगों को अब चादर भी, कम पड़ती जा रही !!
मुस्कुराना, अब एक ज़रुरत है... मुस्कुराना, अब एक ज़रुरत है...
हमको तो बस हमारा हक़ दे दो, माँगते कोई खैरात नहीं है ! हमको तो बस हमारा हक़ दे दो, माँगते कोई खैरात नहीं है !
और अब चली मैं मज़े लेने उसे जो है एक चाय की प्याली। और अब चली मैं मज़े लेने उसे जो है एक चाय की प्याली।