कहां अभी स्वतंत्र हुए हम आजादी के इस दौर में। कहां अभी स्वतंत्र हुए हम आजादी के इस दौर में।
मौन चौक के पनघट देखे गगरी कलशा रहा नहीं। मौन चौक के पनघट देखे गगरी कलशा रहा नहीं।
रामायण का राम हूँ मैं युद्ध का परिणाम हूँ, रामायण का राम हूँ मैं युद्ध का परिणाम हूँ,
ऊंची ऊंची मिनारे सुना रही है बीती कहानियां, हमारी सभ्यता की महक से गुलशन है आज भी ये ऊंची ऊंची मिनारे सुना रही है बीती कहानियां, हमारी सभ्यता की महक से गुलशन है ...
आधुनिकता की होड़ में समस्त हिंद-समाज, खोता जा रहा है। पाश्चात्य संस्कृति की आँधी मेंं जकड़ता हुआ समा... आधुनिकता की होड़ में समस्त हिंद-समाज, खोता जा रहा है। पाश्चात्य संस्कृति की आँधी...
संस्कृति रक्षक उत्साहवर्धक रूप में कल्याण करें। संस्कृति रक्षक उत्साहवर्धक रूप में कल्याण करें।