ऊंची ऊंची मिनारे सुना रही है बीती कहानियां, हमारी सभ्यता की महक से गुलशन है आज भी ये ऊंची ऊंची मिनारे सुना रही है बीती कहानियां, हमारी सभ्यता की महक से गुलशन है ...
ये आज की कौम है प्यारे... रोटी और छत के लिए इसकी मशक्कत हर वक्त जारी है। ये आज की कौम है प्यारे... रोटी और छत के लिए इसकी मशक्कत हर वक्त जारी है।
हिन्द को हिन्द ही रहने दो, अगर भारत को माता मान लो। हिन्द को हिन्द ही रहने दो, अगर भारत को माता मान लो।