I'm Deepak and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsमैं कोशिश करूंगा कि गुरविन्दर को उस दलदल से निकाल लाऊं
Submitted on 23 Oct, 2020 at 07:00 AM
साहब हम जब घर से चले थे तो घर वालों से अंतिम विदाई लेकर चले थे
Submitted on 16 Oct, 2020 at 07:37 AM
मंत्रों की शक्ति से भूत भागते हैं, अच्छे-भले इंसान नहीं।
Submitted on 09 Oct, 2020 at 07:57 AM
कुछ ही दूर चलने पर गुफा मे घनघोर अंधकार का साम्राज्य व्याप्त हो गया।
Submitted on 04 Oct, 2020 at 08:09 AM
आपके प्यार की आपके संरक्षण की जरूरत है। बस यही कहना चाहता हूं। विश यू बेस्ट ऑफ लक।"
Submitted on 28 Sep, 2020 at 08:41 AM
पूरा कंकाल न मिले तो कोई बात नहीं। किसी एक हड्डी से भी काम चलेगा
Submitted on 21 Sep, 2020 at 09:07 AM
लेकिन बेटे ये तुम्हारा काम नहीं। इस काम के लिये यहां कर्मचारी हैं
Submitted on 11 Sep, 2020 at 09:46 AM
"समस्याओं से भागने से तो समाधान नहीं मिलेगा। उसके लिए तो ठंडे दिमाग से सोचना पड़ेगा।"
Submitted on 04 Sep, 2020 at 10:16 AM
कहने के साथ ही वह प्रकाश वातावरण में घुल गया। जैसे उसका कभी कोई अस्तित्व रहा ही न हो।
Submitted on 30 Aug, 2020 at 10:39 AM
"लेकिन मै ये काम कैसे कर सकता हूं। मै कोई दलाल नही हूं।" "लेकिन खरीदार तो है। एक खरीदार सैकड़ो दलालो से परिचित होता है ...
Submitted on 21 Aug, 2020 at 02:30 AM
इधर निधि ने अपने मोबाइल से अपनी लोकेशन घर और १०९० पर भेजनी शुरू कर दी।
Submitted on 14 Aug, 2020 at 03:15 AM
और अब मैं पढ़ाने के साथ ही साथ स्वयं भी आई.एस. की तैयारी कर रहा हूं।
Submitted on 07 Aug, 2020 at 05:43 AM
इसलिए मृत्यु का वरण कि उसका साथी काल के गाल समा गया है।
Submitted on 31 Jul, 2020 at 05:55 AM
देवेश ने दीप्ति के प्रेम को स्वीकार कर लिया था परंतु अभी भी एक सीमा रेखा बनाए रखी।
Submitted on 24 Jul, 2020 at 08:37 AM
इसके बाद कुछ देर तक कभी एक तो कभी कई स्त्रियों के हँसने की आवाज़ सुनाई देती रही
Submitted on 18 Jul, 2020 at 10:01 AM
पापा, घर चलिए। आपके बिना घर काटने को दौड़ता है
Submitted on 10 Jul, 2020 at 10:07 AM
। पशुओं में भी ऐसी पाशविकता नहीं होती। ये सिर्फ और सिर्फ राक्षस होते हैं।
Submitted on 03 Jul, 2020 at 06:41 AM
साहब मैं एक गरीब आदमी हूं। बीस हजार रुपए महीने की नौकरी करता हूं।
Submitted on 22 Jun, 2020 at 09:48 AM
दोषी को दण्ड दिये बिना मुझे चैन नही पड़ेगा।"
Submitted on 12 Jun, 2020 at 12:03 PM
मेरे परिचय के लिए अंग्रेजी का शब्द 'अंकल' खूब सूट करता है।
Submitted on 05 Jun, 2020 at 05:45 AM
"औघड़! ये सब क्या कर रहे हो। जानते हो तुम्हारी इस करतूत ने शहर में कितना बवाल मचा रखा।
Submitted on 29 May, 2020 at 09:03 AM
"किसी औरत के चीखने की आवाज है। जैसे किसी औरत को बहुत ज्यादा तकनीफ दी जा रही हो।"
Submitted on 22 May, 2020 at 08:28 AM
रूकने के बाद इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। अगला व्यक्ति दर्शन के लिए जा सकता है।"
Submitted on 08 May, 2020 at 06:48 AM
केशव बाबू ने अपने जीवन में कितनी भलाई का काम किया इसका उन्होंने कभी हिसाब नहीं रखा
Submitted on 24 Apr, 2020 at 10:14 AM
मन्ना के पास एक काम और भी था। इसके पास दुनिया भर की सूचनाएं आती रहती थी
Submitted on 10 Apr, 2020 at 06:42 AM
क्यों न श्मशान में चलकर शराब पी जाए। मस्ती की मस्ती और एक्साइटमेंट का एक्साइटमेंट
Submitted on 03 Apr, 2020 at 08:58 AM