सीख रहा हूँ, मन की बातों को शब्दों में पिरोना।
अल्हड़ जवानी के वो हिस्से याद आते हैं, मुझे तेरी मोहब्बत के किस्से याद आते हैं. अल्हड़ जवानी के वो हिस्से याद आते हैं, मुझे तेरी मोहब्बत के किस्से याद आते है...
शोलों सा दिल में धधकता भी हूँ, खुश हूँ या नहीं किसे फर्क़ पड़ता है ? शोलों सा दिल में धधकता भी हूँ, खुश हूँ या नहीं किसे फर्क़ पड़ता है ?
बहुत कमाल का बीता यह साल भी, कुछ सपने थे जो टूट गए। बहुत कमाल का बीता यह साल भी, कुछ सपने थे जो टूट गए।
बिन मेरे भले ना दिन ढले, मैं लौट के अब ना आऊँगा। बिन मेरे भले ना दिन ढले, मैं लौट के अब ना आऊँगा।
जो तेरे किसी सवाल पर खामोश रहूँ मैं, जो तेरे किसी सवाल पर खामोश रहूँ मैं,
बेशक बहुत ख्वाहिशें, अरमान हैं मेरे, खो गए हैं जो कहीं अब, सब शौक हैं मेरे, बेशक बहुत ख्वाहिशें, अरमान हैं मेरे, खो गए हैं जो कहीं अब, सब शौक हैं मेरे,
ख्वाबों के बादलों से अब मैं भी निकल आऊँ, बन के मोम सा इन आँखों से मैं पिघल जाऊँ। ख्वाबों के बादलों से अब मैं भी निकल आऊँ, बन के मोम सा इन आँखों से मैं पिघल जा...
अब कोई नहीं कहता क्यूँ ऑनलाइन नहीं आये, अब देर तक जगने वाला शनिवार नहीं आता, अब कोई नहीं कहता क्यूँ ऑनलाइन नहीं आये, अब देर तक जगने वाला शनिवार नहीं आता,
जो मैं फिर से मोहब्बत का अपनी अंदाज लिख दूँ। जो मैं फिर से मोहब्बत का अपनी अंदाज लिख दूँ।
रात के समंदर सा शांत, मैं अपनी हद में हूँ। रात के समंदर सा शांत, मैं अपनी हद में हूँ।