I'm VIKAS KUMAR and I love to read StoryMirror contents.
कोई हो जो दूध और पानी अलग कर सकता हो? कोई हो जो दूध और पानी अलग कर सकता हो?
तेजाबी उसका रंग नहीं, न ही तेजाबी काया थी तेजाबी तो किसी की सोच थी! तेजाबी उसका रंग नहीं, न ही तेजाबी काया थी तेजाबी तो किसी की सोच थी!
बेशरम के डंडों की उम्र भी शायद अब कम हो चली है ! बेशरम के डंडों की उम्र भी शायद अब कम हो चली है !
कभी खुद का रूप भी न निहार सके बेगैरत जी तो लिया पर मौत न पा सके। कभी खुद का रूप भी न निहार सके बेगैरत जी तो लिया पर मौत न पा सके।
कत्ल अहसासों के मेरे, जरा फिर कर दोगे ? कत्ल अहसासों के मेरे, जरा फिर कर दोगे ?
हैं तैयार हम इसके शब्दों, लेखनी को अजर अमर करने को ! हैं तैयार हम इसके शब्दों, लेखनी को अजर अमर करने को !
नींद खुलते ही वो ठिठोली तेरी याद आती है खींच लेते थे बाहों में तुम्हें नींद खुलते ही वो ठिठोली तेरी याद आती है खींच लेते थे बाहों में तुम्हें
चाहो तो खुश हो लो ये सुनकर के नागरिक जिम्मेदार हो! चाहो तो खुश हो लो ये सुनकर के नागरिक जिम्मेदार हो!
खुद को खुदा ए ग़ालिब नहीं उससे भी ऊपर समझता हूँ ! खुद को खुदा ए ग़ालिब नहीं उससे भी ऊपर समझता हूँ !
बदल लेते है कानों के छिद्र की दिशाएँ उलट जिस ओर से हवा मेरे लफ़्ज़ों को लाती है! हाँ है थोड़ी तीखी... बदल लेते है कानों के छिद्र की दिशाएँ उलट जिस ओर से हवा मेरे लफ़्ज़ों को लाती है...