एक बहती धारा
एक बहती धारा
मैं नहीं गुणों न गाओ तेरा प्रिया,
तू जो जिया अंदर मेरा,
मैं न जानो मैं वो कैसा,
पर तू जाने मैं कैसे आया,
मैं जो तेरा, मैं नहीं मेरा,
मैं मेरा कर ले सदा तेरा |
मैं तू बनाया नदिया का किनारा,
वो किनारा जो नहीं मिलता,
पर तू देता दूर से सहारा |
जीवन-मरण तेरा ही कारण,
कितना मैं आया, कितना मैं मरा,
पर मैं अजीव जो नहीं चाहता,
तुझ से मिलना बिना मरना |
जब मैं तेरा तू क्यों न मेरा
तेरा-मेरा मिलन सुनहरा |
मैं तू लेना जो मैं मेरा,
मैं न चाहिए साथ में मेरा,
मैं मेरा हो जाये सदा तेरा,
साथ तेरा-मेरा,
एक बहती धारा |