तकनीकी शिकवा
तकनीकी शिकवा
आज कल नया एक शिकवा सब के सामने आया है,
की नई तकनीकी ने हमे दूर अपनों से करवाया है।
जिन से बात साल दो साल में एक बार हुआ करती थी,
व्हाट्सअप की वजह से उनसे रोज़ बातें हो जाया करती हैं।
जिनकी तस्वीरें सोचनी पड़ती थी, देखने को तरसती नज़रें थीं,
फेसबुक की वजह से उनसे रोज़ मुलाकातें हो जाया करती हैं।
हर बात को कोसना, हर बात में नुक्स निकालना इंसानों की बुरी आदत है,
दिल से सोचो या दिमाग से सोचो तकनीकी की सबको ज़रूरत है।