अफवाह
अफवाह
अफवाह की छाया से रहें दूर ,
जीवन बगीचे को करें गुलेनूर।
गुमराहियों की राह से दूर चलें,
सच्चाई के पथ से न हम हिलें।
अफवाही म्याऊँ तर्क से भगाये,
सत्य ,साहस शेर को यों जगाएं।
दिल से जुदा बस ये आवाज़ हो,
ज्ञान मिठास का ही आगाज हो।
अफवाहों का ताना-बाना ना बुनें,
सच्चाई की बातों के रंग खुद चुनें।
सदा हक की रक्षा हेतु रहें तैयार,
रहे दूर अफवाह के झुलसे बाजार।
अफवाही बादलों को दूर भगाएं,
सच्चाई के सूरज से ताकत पाएं।
विश्वास से कर्मपथ पे बढ़ते जायें,
अफवाही धूप में तर्की छांव लायें।
मिथ्या से बचके जीवन समृद्धि चुनें,
सत्य के प्रकाश में हम नव जग रचें।
अफवाहों की धूप से हम नहीं तपें ,
यथार्थ की कर खोज मुकाबला करें।