मेरे पंख स्वतंत्र कर देना
मेरे पंख स्वतंत्र कर देना
जो उड़ना जिसको नील गगन में,
स्वतंत्र पंख उसे तुम दे देना ।
करूँ हृदय से कामना प्रभु आप ,
आजादी का सुख प्रदान कर देना ।
देख रहा जो सपने प्यारे,
आने वाले सुखी जीवन के।
ऐसा ना हो कहीं प्रभु वह,
भटके केवल वन वन में।
उसके सपने पूरे करना,
ध्यान जरा तुम धर लेना।
उड़ना जिसको नील गगन में,
स्वतंत्र पंख उसे तुम दे देना।
क्या मांगूँ सब तुम्हें पता है,
पता आपको क्या मेरी व्यथा है।
मेरे हिस्से में जो भी लिखा हो,
मेरी फैली झोली में डाल देना।
मेरे एक आसरा तुम्हीं हो प्रभु ,
नहीं है और कोई जीवन में।
अब तक देख रहे हो जैसे,
आगे देखो, क्या है मेरे मन में।
पुष्प जो श्रद्धा के भेजे,
स्वीकार उन्हें तुम कर लेना।
उड़ना चाहे नील गगन में,
स्वतंत्र पंख उसे तुम दे देना।