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V. Aaradhyaa

Inspirational

4.5  

V. Aaradhyaa

Inspirational

आखिर अकेले चलना पड़ता है

आखिर अकेले चलना पड़ता है

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लगभग सबको जिंदगी में जाने कितनी,

परीक्षाओं से नित्य ही गुज़रना पड़ता है !

अपना ही भाग्य अपना संवारने के लिए,

अपने ही भाग्य से खुद लड़ना पड़ता है !


दर्द , खुशी , कष्ट और आंसुओं के संग,

जिंदगी में सदा संघर्ष करना पड़ता है !

आसान नहीं ये जिंदगी किसी के लिए,

पग-पग पर संभलकर बढ़ना पड़ता है !


मिली शोहरत यदि परिश्रम के परिणाम से,

सौम्य स्वभाव भी खुद में भरना पड़ता है !

समाज संग घुल-मिल रहना आवश्यक है,

प्रेम व स्नेह के रंग खुद को रंगना पड़ता है !


अपनों को पछाड़ना तो कतई उचित नहीं,

अपनों को संग-संग लेकर चलना पड़ता है !

जब कभी भी जिस किसी में गुरूर समाया,

उसे दुनिया की भीड़ में अकेले चलना पड़ता है!


कहते हर कोई नसीब लिखवाकर आया है,

खराब नसीब हो तो उसे स्वयं सुधारना पड़ता है !

खुद के हाथों अपना सुंदर भविष्य गढ़ना होता है ,

जीवन के उतार चढ़ाव संग चढ़ना उतरना होता है!!


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