परिवार
परिवार
1 min
243
हम बिखरे है,
तुम फिर भी हमारे साथ हाे,
मीलों की दूरी है,
फिर भी तुम पास हो,
उन अनगिनत यादों में,
संजोए रखा है,
फिक्र ने तुम्हारी,
हमें भी कुछ बयां किया है,
बीते हुए पन्नों में,
किस्से है तुम्हारे,
दोस्त नहीं हो तुम,
हिस्से हो हमारे,
दर्द नहीं एक एहसास ने छुआ है,
अकेले हम थे,
लेकिन अब जिक्र तुम्हारा हुआ है,
खामोश से मन में,
एक लहर सी उठी है,
उन लम्हों को हमने भी भरपूर जिया है,
मुस्कान तुम्हारी,
हमारे मर्ज की दावा है,
दूर नहीं हो तुम,
पास हो हमारे,
यार नहीं हो तुम,
परिवार हो हमारे।